उत्तर प्रदेश बलिया
इनपुट: हिमांशु शेखर
उत्तर प्रदेश बलिया:---सीता द्वारा पार्वती स्तुति :
जय जय गिरिबरराज किसोरी ।
जय महेस मुख चंद चकोरी ॥
जय गजबदन षडानन माता ।
जगत जननि दामिनि दुति गाता ॥
नहिं तव आदि मध्य अवसाना ।
अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना ॥
भव भव विभव पराभव कारिनि ।
बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि ॥
पतिदेवता सुतीय महुँ मातु प्रथम तव रेख।
महिमा अमित न सकहिं कहि सहस सारदा सेष ॥
सेवत तोहि सुलभ फल चारी ।
बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि ॥
बरदायनी पुरारि पिआरी ॥
देबि पूजि पद कमल तुम्हारे ।
सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे ॥
मोर मनोरथु जानहु नीकें ।
बसहु सदा उर पुर सबही कें ॥
कीन्हेउँ प्रगट न कारन तेहीं ।
अस कहि चरन गहे बैदेहीं ॥
बिनय प्रेम बस भई भवानी ।
खसी माल मूरति मुसुकानी ॥
सादर सियँ प्रसादु सिर धरेऊ ।
बोली गौरि हरषु हियँ भरेऊ ॥
सुनु सिय सत्य असीस हमारी ।
पूजिहि मन कामना तुम्हारी ॥
नारद बचन सदा सुचि साचा ।
सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा ॥
मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर साँवरो।
करुना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो।।
एहि भाँति गौरि असीस सुनि सिय सहित हिय हरषीं अली ।
तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि मुदित मन मंदिर चली ॥
जानि गौरि अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि ।
मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे ॥
भवानीशङ्करौ वन्दे श्रद्धाविश्वासरूपिणौ ।
याभ्यां विना न पश्यन्ति सिद्धाः स्वान्तःस्थमीश्वरम् ॥

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