उत्तर प्रदेश उन्नाव
इनपुट :सोशल मीडिया
उन्नाव/उरई/पोर्ट ब्लेयर :---हाल ही में उन्नाव के प्रियदर्शनी नगर में फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले एक केंद्र का भंडाफोड़ हुआ था, जिसकी एजेंसी बीएसएनएल फ्रेंचाइजी के तहत चलाई जा रही थी। अब इसी कड़ी में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। अंडमान एवं निकोबार पुलिस ने जालौन निवासी धर्मेंद्र सक्सेना को कोलकाता से गिरफ्तार किया है। धर्मेंद्र पर करीब 34,000 फर्जी आधार कार्ड बनाने का आरोप है। उसकी एजेंसी भी बीएसएनएल की फ्रेंचाइजी थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, धर्मेंद्र ने आधार कार्ड बनाने के लिए यूआईडीएआई के यूजर क्रेडेंशियल्स और मशीन आईडी* का दुरुपयोग किया। सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ कर *रिमोट कनेक्टिविटी* के जरिए कई राज्यों में फर्जी आधार बनाए गए।
धर्मेंद्र के साथ उन्नाव निवासी मोहम्मद साहिल और कानपुर के मोहम्मद जफर भी इस पूरे रैकेट में शामिल थे, जिनकी तलाश जारी है।
उन्नाव का लिंक: पहले भी पकड़ा गया था फर्जी आधार सेंटर
कुछ समय पहले उन्नाव के *प्रियदर्शनी नगर में भी एक फर्जी आधार सेंटर पकड़ा गया था, जहां से बड़े पैमाने पर अवैध आधार कार्ड बनाए जा रहे थे। वह सेंटर भी *बीएसएनएल फ्रेंचाइजी के अंतर्गत संचालित हो रहा था।
यह खुलासा अब देशव्यापी रैकेट से जुड़ता दिखाई दे रहा है, जिसमें उन्नाव, कानपुर, जालौन, कोलकाता और अंडमान-निकोबार* तक की कड़ियां सामने आ रही हैं।
कैसे किया जाता था फर्जीवाड़ा?
बीएसएनएल फ्रेंचाइजी के नाम पर आधार एनरोलमेंट की अनुमति ली जाती थी।
अनधिकृत ऑपरेटरों को रिमोट एक्सेस दिया जाता था।
फर्जी दस्तावेज और सॉफ्टवेयर हैकिंग* के जरिए नॉन-रेजिडेंट व्यक्तियों के भी आधार बनाए जाते थे।
संवेदनशील बायोमेट्रिक डेटा की चोरी* कर उसे आधार क्लोनिंग और दूसरे अवैध कार्यों में इस्तेमाल किया जाता था।
पुलिस ने क्या कहा?
जालौन के एसपी डॉ. दुर्गेश कुमार ने बताया कि यह गिरोह जगह बदल-बदलकर फ्रेंचाइजी के जरिए फर्जी आधार बनाने का नेटवर्क चला रहा था। पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए टीम गठित की गई है।
अंडमान के साइबर क्राइम जांच अधिकारी एसआई एन कार्तिक राजन* ने कहा कि आधार डेटा के दुरुपयोग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
कोर्ट से नहीं मिली राह
मार्च 2025 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने धर्मेंद्र की अग्रिम जमानत याचिका खारिज* कर दी थी, जिसके बाद से वह फरार था। मंगलवार को उसे कोलकाता स्थित आवास से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया और अब *पोर्ट ब्लेयर जेल भेजा गया है।
अब क्या?
इस मामले में बीएसएनएल फ्रेंचाइजी की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। लगातार दूसरी बार ऐसे फ्रेंचाइजी से जुड़ा फर्जीवाड़ा सामने आना, सिस्टम की कमजोरियों की ओर इशारा करता है।
पुलिस को आशंका है कि इस नेटवर्क के तार आधार डेटा की अवैध बिक्री, भूमि घोटालों और अन्य साइबर अपराधों से भी जुड़े हो सकते हैं।

TREND